मंडी, । हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में जोगेंंदरनगर व मंडी के बीच पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात करीब एक बजे कोटरोपी में भूस्खलन होने से भारी नुकसान हुआ है। यहां अचानक दरकी एक पहाड़ी के कारण पूरा गांव ही बह गया है। मलबे की चपेट में वहां से गुजर रही हिमाचल पथ परिवहन निगम की दो बसें भी यात्रियों सहित मलबे में दफन हो गई हैं। इससे कई लोगों के मरने की अाशंका है। अभी तक 46 शव बरामद हुए हैं।
जैसे ही यह बसें कोटरोपी के पास पहुंची, तो वहां पहले से ही हो रहे भूस्खलन की चपेट में आ गई। हालांकि पहले यह बात बताई जा रही थी कि यह बसें यहां चाय पीने के लिए रूकी हुई थी। लेकिन ऐसा नहीं था। दोनों ही बसें सड़क पर चली हुई थी इस दौरान ही दोनों भूस्खलन की चपेट में आई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वहां उस समय मलबा गिर रहा है, ऐसे में दोनों तरफ बसें रूक गई। लेकिन कुछ देर में ही वो सारा हिस्सा ही दरक गया और बसें भी मलबे में दफन हो गई।
हादसे के बाद चंबा मनाली रूट की बस में से करीब 15 मिनट पहले बचाओ बचाओ की आवाजें आती रही। लेकिन मौके पर उस समय पहुंच पाना आसान नहीं था। बाद में जीवन की उम्मीद भी धूमिल हो गई।
भारी बारिश के कारण आए मलबे व पानी से यह बस करीब एक किलोमीटर नीचे बाह गई है। भारी बारिश व अंधेरा होने के कारण प्राशसन ने राहत एवं बचाव कार्य रोक दिया है। मंडी पठानकोट मार्ग पर वाहनों की आवाजाही मंडी व जोगेन्द्रनगर में रोक दी गई है।
सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की ओर से तमाम आला अधिकारी मौके पर हैं। नूरपुर से एनडीआरएफ की बटालियन व अार्मी भी मौके पर है। वहीं,हादसे वाले स्थान का मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने भी दौरा किया है। इस दौरान सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख देने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार के कई मंत्री मौके पर पहुंचे।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा ने भी इस हादसे पर दुख जताया है।
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